उत्तर प्रदेश Switch to English
विशेष अभियान 5.0 के तहत माइक्रो फॉरेस्ट का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
संजय कुमार ने 14 दिसंबर, 2025 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर स्थित पीएम श्री नवोदय विद्यालय में विशेष अभियान 5.0 के तहत एक माइक्रो फॉरेस्ट (फलों का बाग और परागण पार्क) का उद्घाटन किया।
मुख्य बिंदु
- 3,200 वर्ग मीटर से अधिक बंजर भूमि को Eco Clubs for Mission LiFE के तहत एक पारिस्थितिकीय शिक्षण स्थल में परिवर्तित किया गया, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक, छात्र और Say Trees के प्रतिनिधि शामिल हुए।
- शिक्षा: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 पर ज़ोर देते हुए, संजय कुमार ने सर्वांगीण, मानसिक रूप से स्वस्थ और मूल्य-प्रेरित छात्रों के पोषण हेतु अनुभवात्मक, आनंदमय और प्रकृति आधारित शिक्षण पर प्रकाश डाला।
- इको क्लब्स: मिशन लाइफ के लिये इको क्लब, जो 9.23 लाख से अधिक स्कूलों में कार्यरत हैं, सात विषयों के अनुरूप व्यावहारिक पर्यावरणीय शिक्षा को बढ़ावा देते हैं, जिससे पर्यावरणीय चेतना में वृद्धि होती है।
- संरक्षण: नवोदय विद्यालय समिति (NVS) ने छात्रों से फलदार वृक्षों और हरित क्षेत्रों की देखभाल, सतत जीवन, पारिस्थितिकी संतुलन तथा समग्र विकास का समर्थन करने का आग्रह किया।
- अभियान: विशेष अभियान 5.0 के तहत, 6.16 लाख से अधिक स्वच्छता अभियान चलाए गए; एक ई-कचरा अभियान में 1 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए, 4,000 किलोग्राम ई-कचरा एकत्र किया गया और शास्त्री भवन में एक जागरूकता भित्ति चित्र के लिये 100 किलोग्राम का पुन: उपयोग किया गया।
- स्थिरता: इस माइक्रो फॉरेस्ट में 500 से अधिक फलदार वृक्ष और 350 से अधिक परागणकारी पौधे शामिल हैं, यह जैवविविधता तथा सूक्ष्म जलवायु में सहायक हैं, इसे 'से ट्रीज़' द्वारा समर्थित किया गया है, यह SDG 4 एवं 13 के अनुरूप है व देश के स्कूलों में विस्तार किया जाएगा।
मिशन लाइफ
- मिशन लाइफ (Lifestyle for Environment) भारत द्वारा अक्तूबर 2022 में शुरू की गई एक वैश्विक पहल है जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिये सचेत और सोच-समझकर उपभोग के माध्यम से स्थायी जीवन शैली को बढ़ावा देना है।
- यह पहल सात विषयों पर केंद्रित है: जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, कचरा कम करना, ई-कचरा प्रबंधन, एकल-उपयोग प्लास्टिक समाप्त करना, स्थायी खाद्य प्रणालियों को बढ़ावा देना तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
राज कुमार गोयल मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी राज कुमार गोयल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समक्ष केंद्रीय सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद की शपथ ली।
- राज कुमार गोयल ने पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल समरिया का स्थान लिया, जिनके पद छोड़ने के बाद यह पद सितंबर 2025 से रिक्त था।
मुख्य बिंदु
- परिचय: राज कुमार गोयल वर्ष 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रहे हैं, जो मूल रूप से जम्मू-कश्मीर कैडर के थे। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद वे अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिज़ोरम और केंद्रशासित प्रदेश (AGMUT) कैडर के सदस्य बन गए।
- अगस्त 2025 में उन्होंने विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग के सचिव पद से सेवानिवृत्ति ली। अपने कार्यकाल के दौरान गोयल ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में भी महत्वपूर्ण सेवाएँ दीं।
- वे अगस्त 2025 में विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए।
- अपने करियर के दौरान उन्होंने ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में भी अपनी सेवाएँ दी थीं।
- सूचना आयुक्तों की नियुक्ति: ववर्तमान में आनंदी रामलिंगम और विनोद कुमार तिवारी सूचना आयुक्त (IC) के पद पर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, जया वर्मा सिन्हा, स्वागत दास, संजीव कुमार जिंदल, सुरेंद्र सिंह मीना तथा खुशवंत सिंह सेठी को सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्ति हेतु अनुशंसित किया गया है।
केंद्रीय सूचना आयोग
- स्थापना: इसकी स्थापना RTI अधिनियम, 2005 के अंतर्गत एक वैधानिक निकाय (संवैधानिक निकाय नहीं) के रूप में की गई थी।
- संरचना: इस अधिनियम के अनुसार केंद्रीय सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) तथा अधिकतम 10 केंद्रीय सूचना आयुक्त हो सकते हैं।
- नियुक्ति: सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है, जिसमें निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- प्रधानमंत्री (अध्यक्ष)।
- लोकसभा में विपक्ष के नेता
- प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री।
- पात्रता और छूट: विधि, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, समाज सेवा, प्रबंधन, पत्रकारिता या शासन में अनुभव वाले प्रतिष्ठित व्यक्ति।
- सांसद, विधायक नहीं होना चाहिये, या किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिये।
- किसी राजनीतिक दल से संबद्धता, व्यवसाय या पेशेवर गतिविधि की अनुमति नहीं होती।
- ये पुनर्नियुक्ति के पात्र नहीं हैं।
- CIC की शक्तियाँ: गवाहों को बुलाना, दस्तावेज़ों का निरीक्षण करना, सार्वजनिक अभिलेखों की मांग करना तथा जाँच के लिये समन जारी करना।
- कार्य: इसकी प्राथमिक भूमिका RTI अधिनियम, 2005 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना और नागरिकों के सूचना के अधिकार को बनाए रखना है।
- यह न्यायालय केंद्र सरकार और केंद्रशासित प्रदेशों के कार्यालयों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा अन्य संस्थाओं से संबंधित मामलों का समाधान करता है।
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